lyrics shiv chalisa Secrets

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मातु पिता भ्राता सब कोई । संकट में पूछत नहिं कोई ॥

पण्डित त्रयोदशी को लावे। ध्यान पूर्वक होम करावे ॥

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धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे। शंकर सम्मुख पाठ सुनावे॥

साधु संत के तुम रखवारे।। असुर निकन्दन राम दुलारे।।

स्वामी एक है आस तुम्हारी। आय हरहु अब संकट भारी॥

कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर। भये प्रसन्न दिए इच्छित वर॥

संकट तें हनुमान छुड़ावै। मन क्रम बचन ध्यान जो लावै।।

वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे। छवि को देख नाग मुनि मोहे॥

कहा जाता है कि भगवान शिव की पूजा जितनी की जाए उतनी ही कम है भगवान शिव की कृपा भी सबसे अधिक मानी जाती है क्योंकि जो व्यक्ति शिव भगवान की पूजा करता है और भगवान शिव अगर उस पर प्रसन्न होते हैं तो उस पर सदैव अपनी कृपा बनाए रखते हैं तथा उनकी प्रत्येक मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं।

अर्थ: हे प्रभू आपने तुरंत तरकासुर को मारने के लिए षडानन (भगवान शिव व पार्वती के पुत्र कार्तिकेय) को भेजा। आपने ही जलंधर (श्रीमद‍्देवी भागवत् पुराण के अनुसार भगवान शिव के तेज से ही जलंधर पैदा हुआ था) नामक असुर का संहार किया। आपके कल्याणकारी यश को पूरा संसार जानता है।

कंचन बरन बिराज सुबेसा। कानन कुण्डल कुँचित केसा।।

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धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे । शंकर सम्मुख पाठ सुनावे ॥

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